बहुत दिनों से सोच रहा था कुछ लिखा जाए , दिल तो हर रोज़ करता था पर सुस्ती के मारे लिख ही नहीं पाया। दिमाग में बहुत सी बातें आती हैं , आसपास जो भी कुछ हो रहा है वो कई बार बहुत कुछ सोचने पर मज़बूर करता है।
Tuesday, 17 December 2013
Thursday, 21 November 2013
back
बहुत दिनों के बाद मैं आज वापिस आया हूँ , हर रोज़ सोचता था कि आज कुछ लिखता हूँ पर फिर सोचता कि बाद में लिखूंगा पर अब सोचता हूँ कि जब भी मन में कोई बात आये तो लिख देनी चाहिए
Monday, 28 October 2013
Saturday, 12 October 2013
Friday, 11 October 2013
Thursday, 10 October 2013
Thursday, 3 October 2013
Brave mother blessed with a cute baby
https://www.youtube.com/watch?v=9Xw3yypZ1kI&feature=youtube_gdata_player
Casteism
जातिवाद ने पूरे भारत में और खासतौर से हरियाणा में अपनी जड़ें बहुत गहरे रूप में जमा ली हैं। समय के साथ साथ मनुष्य ने उन्नति तो की पर अपने दिमाग से जातिवाद को नहीं निकाल पाया। डिफेन्स की नौकरी छोड़ने के बाद सिविल में नौकरी करते हुए कई बार ऐसे मौके आये जिनसे मुझे मुझे लोगों के मन में छुपी हुई जातिवाद की भावना देखने को मिली। डिफेन्स की नौकरी के दौरान मैंने कभी भी जातिवाद नाम के शब्द को नहीं सुना पर जबसे डिफेन्स छोड़कर सिविल में आया तबसे ही मुझे इस शब्द के कदम कदम पर किसी न किसी रूप में दर्शन होते रहे हैं और मुझे ये भी लगता है की अपने इस जनम में ये लोग शायद ही जातिवाद से मुक्त हो पायें। किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी भरे जाने वाले फार्म में जाति वाला कालम ही नहीं होना चाहिए। बस सिर्फ एक ही जाति हो और वो हो मानवजाति। एक ही धरम हो मानव धरम।
Wednesday, 2 October 2013
Burden
आदमी अपनी जिंदगी का बोझ तो खुद उठाता ही है पर इसके साथ ही उसको अपने सामान का बोझ भी उठाना चाहिए।
Sunday, 29 September 2013
pariwaar ki ijjat ke liye bachchon ka qatal
इस भारत देश के कई इलाकों में प्यार करना या प्यार का इजहार करना सामजिक रूप से अपराध माना जाता है। जबकि खुलेआम गंदगी फैलाना , जानबूझ कर क़ानून तोडना , बलात्कार करना और जब दिल में आये सड़क जाम कर देना शान की बात समझी जाती है। जिन बच्चों को प्यार से पाल जाता है उनकी हत्या करते वक्त लोगों का दिल जरा भी नहीं पसीजता। वे खुद को उनका भगवान् मानने लगते हैं। मेरे विचार में अगर किसी के भी बच्चे ने ऐसा काम किया है चाहे वो मेरा भी बच्चा क्यूँ न हो , उसे बस प्यार से समझाना चाहिए और उनकी पसंद को भी सम्मान देना चाहिए और अगर कोई ज्यादा ही अपने बच्चों से नाराज़ है तो उनको बोलो की जाओ अपना गुजर बसर खुद करो। अपने बच्चों की जान लेना कहाँ की समझदारी है , ये तो हैवानियत की हद है , कोई समझदारी नहीं
Wednesday, 25 September 2013
KHAAP PANCHAYAT
आज कल के ज़माने में इन खाप पंचायतों की कोई भी जरुरत नहीं है ये सिर्फ मुठी भर लोगों की दिमागी बीमारी है
Thursday, 19 September 2013
Friday, 13 September 2013
Monday, 19 August 2013
Saturday, 17 August 2013
Friday, 16 August 2013
Tuesday, 13 August 2013
Monday, 12 August 2013
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