ऑफिस में कई बार जब कोई भी बात चलती है तो लोग आपस में एक दूसरे के बारे में उसकी जाति के नाम से बात करते हैं . पुराने समय से लेकर आजतक यहाँ के लोगों कि मानसिकता बिलकुल नहीं बदली जबकि समाज में बहुत कुछ बदल गया है पर लोगों को अपने विचार बदलने में दिक्कत होती है और मुझे ऐसे लोगों पर गुस्सा बहुत आता है और लोग पढे लिखे होने के बावजूद इन पुरानी बातों को मान कर अपने अनपढ़ होने का सबूत देते हैं और ग्रहण ही हुई शिक्षा को बिलकुल ही व्यर्थ कर देते हैं .
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