Thursday, 2 January 2014

JAATIVAAD

ऑफिस में कई बार जब कोई भी बात चलती है तो लोग आपस में एक दूसरे  के बारे में उसकी जाति के नाम से बात  करते हैं . पुराने समय से लेकर आजतक यहाँ के लोगों कि मानसिकता बिलकुल नहीं बदली जबकि समाज में बहुत कुछ बदल गया है पर लोगों को अपने विचार बदलने में दिक्कत होती है और मुझे ऐसे लोगों पर गुस्सा बहुत आता है और लोग पढे लिखे होने के बावजूद इन पुरानी बातों को मान कर अपने अनपढ़ होने का सबूत देते हैं और ग्रहण ही हुई शिक्षा को बिलकुल ही व्यर्थ कर देते हैं .

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